राजस्थान में किसान बेकाबू हुए, हरियाणा बॉर्डर पर बैरिकेड्स को तोड़ा

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तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 36वां दिन है. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों के नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक बुधवार को हुई थी. इस बैठक में सरकार ने किसानों की कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को ठुकरा दिया. हालांकि, सरकार ने कृषि कानूनों के लिए एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है. मालूम हो कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर बड़ी संख्या में किसान पिछले एक महीने से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की है. बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ किसान प्रतिनिधि ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश ने न्यूनतम कीमतों की गारंटी पर एक कानून की संभावनाओं पर चर्चा की. मंत्रियों ने पहले राउंड की बैठक के बाद दोपहर में विज्ञान भवन में किसानों के साथ लंगर भी खाया था.पहले राउंड की बैठक में किसानों ने एक बार फिर से तीनों मंत्रियों के सामने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग दोहराई. इसके साथ ही, किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर एक कानून बनाने की भी मांग रखी.
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान राजस्थान के शाहजहांपुर में किसान आज बेकाबू हो गए और उन्होंने हरियाणा-राजस्थान को जोड़ने वाले बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स तोड़ दिया. वही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज कहा कि किसान हमारे भाई हैं. दूसरी राजनीतिक पार्टियों ने उन्हें उकसाया है जिससे यह आंदोलन शुरू हुआ. अब केंद्र सरकार और किसानों के प्रतिनिधि इसका रास्ता निकाल रहे हैं. कुछ बातें कल मान ली गई हैं और बाकी बातों की चर्चा 4 जनवरी को होगी. इसका समाधान हो इसकी मैं आशा करता हूं. हम हरियाणा में एमएसपी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने भी एमएसपी व्यवस्था खत्म करने की कोशिश की तो मनोहर लाल खट्टर राजनीति छोड़ देगा. कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद आज दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब से आए कांग्रेस नेताओं से मिलने पहुंचे. उन्होंने बताया कि सरकार के पास किसानों के हित के लिए योजना है तो वह बात करे, किसानों से बात न करने का मतलब है कि किसानों के हित के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है. भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि केरल की सरकार भी AAP की सरकार की तरह है.वो किसी भी विषय के बारे में न समझ रही है न जान रही, वो सिर्फ इस पर राजनीति कर रही है. केरल की सरकार अपनी कमियों को छुपाने के लिए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर सिर्फ चर्चा में बने रहना चाहती है. नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान ने गाजीपुर बॉर्डर फ्लाईओवर पर बनाई अपनी चेकपोस्ट. किसान खोड़ा की तरफ से जाने वाले रास्ते पर ऐहतियातन वाहनों को पूछताछ कर धरनास्थल की तरफ जाने दे रहे हैं. वही केरल विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने पर फरीदकोट के जिला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि केरल सरकार ने अच्छा किया है क्योंकि ये कानून किसानों के हित में नहीं है, इस बात को केंद्र को भी समझना चाहिए तथा 4 जनवरी को होने वाली बैठक में कानून को रद्द कर देना चाहिए. भारतीय किसान यूनियन के एक धड़े के नेता जोगिन्दर सिंह उग्राहन ने कहा, ”बुधवार की बैठक में मंत्रियों ने इस पर कुछ भी नहीं कहा, लेकिन उन्होंने बताया कि वे एमएसपी पर कानून के संबंध में की गई मांग पर चर्चा जरूर करेंगे.”

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