सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा पिछले 32 दिनों से हमारे किसानों को ठंड में सड़कों पर खुले में सोने के लिए मजबूर किया गया, आखिर क्यों?

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नई दिल्ली: तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों की हालत को देखते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. इसके साथ ही उन्होंने किसानों के हक में केंद्र से इन कानूनों को वापस लेने की मांग भी की. दरअसल केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया रविवार को सिंघु बॉर्डर पर स्थित गुरु तेग बहादुर मेमोरियल पहुंचे थे, जहांं उन्होंने किसानों को संबोधित किया. सीएम केजरीवाल ने कहा, “पिछले 32 दिनों से हमारे किसानों को ठंड में सड़कों पर खुले में सोने के लिए मजबूर किया गया. आखिर क्यों? 40 से अधिक लोगों की जान यहां चली गई, यह सुनकर बेहद तकलीफ होती है. मैं केंद्र से अपील करता हूं कि वे किसानों की बात सुनें और कृषि कानूनों को रद्द करें.” सीएम केजरीवाल ने कहा, “केंद्र सरकार कानून के फायदों के बारे में बात नहीं कर रही है. वे सभी सिर्फ इतना कह रहे हैं कि इस कानून से कोई नुकसान नहीं होगा. इससे किसानों के खेत नहीं जाएंगे या ना ही न्यूनतम समर्थ मूल्य (एमएसपी) पर कोई असर होगा… क्या यही इस कानून के फायदे हैं? फिर इस नए कृषि कानूनों को लाने की जरूरत क्या है? फाड़ो और फेंक दो इस कानून को.” पंजाब, हरियाणा और देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर पिछले लगभग एक महीने से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. पूरा मामला कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीनों कृषि कानूनों को लागू किया था. सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी. वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी.

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