नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान और उनके संगठनों के नेताओं और केंद्र सरकार के बीच आज विज्ञान भवन में 3 बजे बैठक होगी. किसानों के साथ सरकार की बातचीत से पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर साढ़े दस बजे बैठक हुई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर शामिल हुए और किसानों के साथ बातचीत की रणनीति पर चर्चा हुई. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं को कोरोना महामारी एवं सर्दी का हवाला देते हुए तीन दिसंबर की जगह मंगलवार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. गौरतलब है कि हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले पांच दिनों से धरने पर हैं. केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ उनका यह धरना मंगलवार को छठे दिन में प्रवेश हो चुका है. इन कानूनों के बारे में किसानों को आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा. तोमर ने कहा, ”कोरोना वायरस महामारी एवं सर्दी को ध्यान में रखते हुए हमने किसान यूनियनों के नेताओं को तीन दिसंबर की बैठक से पहले ही चर्चा के लिए आने का न्यौता दिया है.’’ उन्होंने बताया कि अब यह बैठक एक दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में दोपहर बाद तीन बजे बुलाई गई है. उन्होंने बताया कि 13 नवंबर को हुई बैठक में शामिल सभी किसान नेताओं को इस बार भी आमंत्रित किया गया है. इस बीच कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 32 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को पत्र लिख कर एक दिसंबर को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. अग्रवाल ने जिन संगठनों को पत्र लिखा है उनमें क्रांतिकारी किसान यूनियन, जम्मुहारी किसान सभा, भारतीय किसान सभा (दकुदा), कुल हिंद किसान सभा और पंजाब किसान यूनियन शामिल हैं. इससे पहले 13 नवंबर को हुई बैठक बेनतीजा रही थी और केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों को तीन दिसंबर को दूसरे दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया था ताकि तीन नए कृषि कानूनों से उपजी उनकी चिंताओं का निराकरण किया जा सके.