नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन न मिलने के मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन बोले कुछ राज्यों का निंदनीय प्रयास है, जो कोरोना की महामारी पर काबू पाने में अपनी नाकामी से ध्यान भटकाने और लोगों के बीच डर पैदा करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं. महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन की किल्लत के सवाल पर हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने ऐसे कुछ राज्य सरकारों के गैरजिम्मेदाराना बयान देखे हैं, जो जनता के बीच भ्रम पैदा करने के साथ घबड़ाहट का माहौल पैदा कर सकते हैं. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार को वैक्सीन के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर वैक्सीन की उपलब्धता के आंकड़े भी जाहिर किए.
केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि महाराष्ट्र को 1 करोड़ 6 लाख कोरोना की वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराई गई हैं. इनमें से महाराष्ट्र सरकार ने 90 लाख खुराक का इस्तेमाल किया है. अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के पास करीब 16 लाख कोरोना की खुराक उपलब्ध हैं. केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त 7 लाख खुराक महाराष्ट्र को भेजी गई हैं, जो महाराष्ट्र को करीब-करीब रोजाना भेजी जाने वाली खुराक के बराबर हैं. महाराष्ट्र सरकार ने कहा है वह कोविड वैक्सीन की किल्लत का सामना कर रही है और उसके पास सिर्फ 3 दिन का स्टॉक बचा है और कई वैक्सीनेशन सेंटर बंद होने की कगार पर हैं.महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को इस संकट की जानकारी दी है. टोपे ने बताया था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान इस पर बात हुई थी. महाराष्ट्र सरकार के अनुसार, ‘7 अप्रैल तक कोरोना की 14 लाख डोज उपलब्ध हैं, यानी बस तीन दिनों का स्टॉक है. अगर हम हर दिन पांच लाख वैक्सीन डोज देते हैं तो हमें हर हफ्ते 40 लाख डोज की जरूरत पड़ेगी.’ टोपे ने डॉ. हर्षवर्धन से कहा था कि ‘हमारे कई वैक्सीनेशन केंद्रों पर वैक्सीन नहीं है, जिसके चलते उन्हें बंद करना पड़ा है. डोज़ नहीं है तो वो लोगों को वापस भेज रहे हैं. लिहाजा वैक्सीन सप्लाई तेज की जाए.इस सन्दर्भ में बुधवार को केंद्र सरकार की तरफ से 7,43,280 डोज़ भेजे जा रहे हैं.केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार बुधवार की वैक्सीन सप्लाई के बाद महाराष्ट्र सरकार के पास करीब 23 लाख कोरोना वैक्सीन की डोज़ उपलब्ध हो जाएगी.