अंबाला: फ्रांस से आए पांच राफेल विमानों ने आज भारतीय सरजमीं पर कदम रखा. अंबाला एयरबेस पर ये लड़ाकू विमान लैंड हो गए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी. राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल विमानों का भारत आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है. विमानों के लैंड होते ही उन्हें वाटर सैल्यूट दिया गया. ये वायुसेना का पुराना ट्रेडिशन है, जिसे फाइटर जेट्स के आने पर हर बार फॉलो किया जाता है. वैसा ही किया गया. ये विमान फ्रांस से 7000 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आए हैं. अंबाला में ही राफेल फाइटर जेट्स की पहली स्क्वाड्रन तैनात है. 17वीं नंबर की इस स्क्वाड्रन को ‘गोल्डन-ऐरोज़’ नाम दिया गया है. इस स्क्वाड्रन में 18 राफेल लड़ाकू विमान होंगे, तीन ट्रैनर और बाकी 15 फाइटर जेट्स. राफेल विमानों की दूसरी स्क्वाड्रन उत्तरी बंगाल (पश्चिम बंगाल) के हाशिमारा में तैनात की जाएगी. दोनों स्क्वाड्रन में 18-18 राफेल विमान होंगे
इससे पहले रक्षा मंत्रालय की तरफ से राफेल विमानों की उड़ान की पहली तस्वीर जारी की गई. इन पांच राफेल विमानों की सुरक्षा के लिए दो सुखोई विमान भी साथ उड़ रहे थे. इन विमानों ने हवा में विक्टरी साइन भी बनाया था. रक्षा मंत्री के कार्यालय ने भारतीय वायुसीमा में घुसने के बाद इन विमानों की एक वीडियो भी शेयर की.
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ये विमान फ्रांस से सात हजार किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आए हैं. 24,500 किलोग्राम वजन वाला राफेल एयरक्राफ्ट 9500 किलोग्राम भार उठाने में सक्षम है. इसकी अधिकतम रफ्तार 1389 किमी/घंटा है. राफेल एक बार उड़ान भरने के बाद 3700 किमी तक का सफर तय करता है.