नई दिल्लीः कुछ ही दिनों पहले वेब-सीरीज में सेना और सैनिकों की इमेज को तोड़-मरोड़ कर दर्शकों के सामने पेश करने से नाराज़ सेना और रक्षा मंत्रालय ने अब फिल्म सेंसर बोर्ड और सूचना और प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति जताई है. रक्षा मंत्रालय ने अब साफ कर दिया है कि जो भी निर्माता-निर्देशक सेना पर आधरित फिल्म, वेब-सीरिज या फिर डॉक्यूमेंट्री बनाएगा या सैनिकों से जुड़ा किरदार दिखाएगा, उसे पहले रक्षा मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी.
सेना या उसकी वर्दी के इस्तेमाल करने से पहले NOC लेना जरुरी होगा
जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी, सुदर्शन कुमार ने मुंबई स्थित सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के रीजनल-ऑफिसर को साफ तौर पर लिखा है कि किसी भी फिल्म या वेब-सीरिज को दर्शकों के सामने लाने से पहले रक्षा मंत्रालय से एनओसी(NOC) अर्थात ‘नो ओबजेक्शन सर्टिफिकेट’ लेना होगा. रक्षा मंत्रालय के पत्र में ये भी साफ लिखा है कि सीबीएफसी यानी सेंसर बोर्ड को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि इस तरह की फिल्मों या वेब-सीरीज में डिफेंस फोर्सेज़ (यानी तीनों सेना, थलसेना, वायुसेना और नौसेना) की इमेज को खराब ना करें और ना ही उनकी भावनांओं को चोट पहुचाये.
एकता कपूर के वेब सीरीज में सेना की आपत्तिजनक छवि दिखाई थी उसके बाद ये फैसला लिया है
भारतीय रक्षा मंत्रालय की ये कड़ी आपत्ति ऐसे समय में आई है, जब हाल ही में ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ऑल्ट-बालाजी (Alt Balaji) की वेब सीरिज ‘ट्रिपल एक्स-अनसेंसर्ड’ में सेना से जुड़े आपत्तिजनक सीन दिखाए गए थे, जो हकीकत से कोसों दूर माना जा रहा है और सैनिकों सहित मिलिट्री-यूनिफार्म को अपमानजनक तरीके से पेश किया गया था. इस सीरिज को लेकर सेना और सैनिकों में खासा रोष था. यहां तक की ऑल्ट-बालाजी के खिलाफ पूर्व फौजियों के संगठनों ने एफआईआर तक दर्ज कराई थी.
विवाद बढ़ता देख बालाजी फिल्म की जोइड एमडी, एकता कपूर ने सार्वजनिक रूप से इस सीरीज के लिए माफी मांगी थी और उस एपिसोड को प्लेटफॉर्म से हटा दिया था. लेकिन सेना और रक्षा मंत्रालय ने इस सीरिज को बेहद ही आपत्तिजनक पाया था. रक्षा मंत्रालय को इस बारे में निर्माता निर्देशक के खिलाफ कई शिकायतें मिली थी. इसीलिए एनओसी लेने वाला ये कदम उठाया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, इसी तरह की एक दूसरी वेब-सीरीज, ‘कोड एम’ में भी सेना और सैनिकों की गलत तस्वीर दर्शकों के सामने पेश की गए. इनको देखते हुए ही, रक्षा मंत्रालय ने सेंसर बोर्ड, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, और इंफोर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय को पत्र लिखकर सभी प्रोडेक्शन-हाउसेज़ को किसी भी फिल्म,वेब सीरिज और डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन करने से पहली एनओसी लेना अनिवार्य कर दिया है. लेकिन प्रश्न अब भी बरक़रार क्योंकि डिजिटल प्लेटफार्म के लिए भारत में अभी तक कोई कानून नहीं बनी है और वेब सीरीज को सेंसर सेर्टिफिकेट की जरुरत नहीं समझा जाता है.