भारत पहुंचने के लिए फ्रांस से रवाना हो चुके 5 राफेल विमान 27 जुलाई को अल दाफरा एयरबेस पर पहुंच चुके हैं. राफेल फाइटर जेट की यह पहली खेप कल यानी 29 जुलाई की सुबह उड़कर भारत के अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर दोपहर तक पहुंचने की उम्मीद है. भारतीय सेना के इतिहास में महत्वपूर्ण घटना बनने जा रहे राफेल विमानों के लिए भारत में अंबाला एयरबेस को रणनीतिक और सामरिक महत्व के कारण चुना गया है.
सितंबर 2016 में जब भारत और फ्रांस के दासॉल्ट एविएशन के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 59000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था, तब किसने सोचा था कि इन विमानों का भारत आगमन कठिन हालात में होगा. कोरोना वायरस के कारण मई में आने वाले पहले बैच को जुलाई में तब आना पड़ रहा है, जब भारत और चीन के बीच लद्दाख से सटे बॉर्डर पर जारी तनाव को करीब डेढ़ महीना हो चुका है.
भारतीय वायु सेना के बेड़े की खास ताकत के तौर पर शामिल होने जा रहे राफेल के आगमन के बाद 20 अगस्त के आसपास औपचारिक इंडक्शन कार्यक्रम होगा. इससे पहले ये भी कहा जा चुका है कि हालात के मद्देनज़र इन लड़ाकों का पहला इस्तेमाल लद्दाख में हो सकता है क्योंकि वायुसेना वहां पहले ही ज़मीनी सेना की मदद के लिए कॉम्बैट एयर पैट्रोलिंग कर रही है. राफेल के नाम से चीन में खलबली सी मची हैँ.