नई दिल्ली: कर्नाटक में हाल ही में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला है. 224 सीटों में से 135 सीटों पर कांग्रेस पार्टी की जीत हुई है. सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरुरत होती है. उससे ज्यादा सीट कांग्रेस के पास है. अब सीएम पद को लेकर पेंच फस गया है क्योंकि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार नेदोनों मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत दावा किया है.अब इस मुद्दे का समाधान के लिए पार्टी आलाकमान को भेजा गया है.
विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद रविवार को बेंगलुरु के एक 5-स्टार होटल में बुलाई गई 135 सदस्यीय कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें था कि कांग्रेस अध्यक्ष को नए नेता के बारे में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया. इस प्रस्ताव के बाद अब दिल्ली में पहले से मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस मुद्दे पर निर्णय लेने से पहले सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से बातचीत करेंगें.
सिद्धारमैया ने कथित तौर पर कहा है कि विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ एक अथक लड़ाई लड़ी थी, जो अब सफल हुई है. उनके पास मुख्यमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल पाने के लिए वरिष्ठता, अनुभव और लोकप्रियता है शिवकुमार ने कहा कि केपीसीसी अध्यक्ष के रूप में उन्होंने 2018 में सिद्धारमैया के तहत कांग्रेस की हार के बाद पुनर्निर्माण किया. आठ बार के विधायक होने के नाते, उन्हें मुख्यमंत्री बनाने पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए. आगे सिद्धारमैया ने अपना मामला यह बताते हुए आगे बढ़ाया कि उन्हें न केवल कुरुबाओं, बल्कि सभी ओबीसी, दलितों और अल्पसंख्यकों का समर्थन प्राप्त था. उनका समर्थन कांग्रेस के लिए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए महत्वपूर्ण होगा.शिवकुमार ने कहा कि राज्य में 11 फीसदी आबादी वाले वोक्कालिगा की इच्छा है कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखा जाए. उन्हें अपने वोटों को जेडीएस से कांग्रेस में लाने के लिए मजबूर किया था, जिन्हें निराश नहीं कर सकते.
फिलहाल, सीएम के पद को लेकर गतिरोध जारी है. पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से विधायकों के विचारों को मौखिक रूप से इकट्ठा करना शुरू कर दिया. लेकिन, कथित तौर पर कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि अनौपचारिक रूप से राय मांगने के बजाय, विधायकों को एक गुप्त मतदान की अनुमति दी जाए, ताकि वे खुद एक फैसला ले सकें. इसके अलावा सिद्धारमैया और शिवकुमार के लिए 2.5 साल का कार्यकाल पर विचार भी किया जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि समाधान के बाद शिवकुमार बड़े विभागों के साथ उपमुख्यमंत्री बनने के लिए सहमत हो सकते हैं और यह आश्वासन दे सकते हैं कि उन्हें ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आश्वासन दिया है कि 24 घंटे के भीतर कर्नाटक मुख्यमंत्री पद कि घोषणा कर दी जाएगी. 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के भीतर एक सहमति बनाये रखने और सबको खुश करने का प्रयास किया जायेगा.